दिल के रोगों के लिए अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता होती है या नहीं?

हृदय रोग दुनिया भर में एक व्यापक समस्या है और यह दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। इस समस्या का कारण हमारी व्यस्त जीवनशैली, अव्यवस्थित खान-पान, उच्च रक्तचाप और तंबाकू खाने का अधिक सेवन है।

हालांकि, हम यह भी जानते हैं कि चिंता मानसिक तनाव, डिप्रेशन और अन्य संबंधित मानसिक समस्याओं का कारण बनती है। इन सभी कारणों के कारण हमें हृदय रोग हो सकता है।

क्‍या हमारे लिए अतिरिक्त सावधानी आवश्यक है या नहीं? इस सवाल का उत्तर हमेशा जानना आवश्यक होता है। इसलिए, हमें अपनी जिंदगी में स्वस्थ रहने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी आवश्यक होती है।

हृदय रोग क्या होता है?

हृदय रोग वह समूह है जिसमें विभिन्न कारकों के अभाव से डाक्टर ने उंगली रखते हुए सारे रोगों को एक ग्रुप में रखा है। हृदय रोग एक घातक बीमारी हो सकती है जब ये नजरअंदाज़ किए जाते हैं।

हृदय रोग सीधे सम्बंधित होते हैं आपके दिल से। अगर आपके दिल की सेहत स्वस्थ नहीं है, तो आपके शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित किया जा सकता है। हृदय रोग की शुरुआती अवस्थाएं और उनके लक्षण इंग्लैंड में लगभग 15 मिलियन लोगों को प्रभावित करते हैं।

हृदय रोग के लक्षणों में दिल का पीड़ा या दिल के बिजली के दौरे होने के अलावा निम्‍नलिखित शामिल हैं:

  • सुस्ती या थकान
  • श्वसन में तकलीफ
  • सीने में दबाव या अस्थायी पीड़ा
  • नफरत, भय या गड़बड़ की भावनाएँ

हालांकि हृदय रोग के कारण आप अपनी सेहत की लक्षणों को समझने में मदद ले सकते हैं। हालांकि, निर्धारित शर्तों और विशेष बाधाओं के बीच रोगों का कुछ और संभव होना संभव है।

क्यों हृदय रोग होते हैं?

हृदय रोग एक ऐसी समस्या है, जो हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग, यानि हृदय को प्रभावित करती है। यहाँ पारंपरिक तरीकों से जीवन जीने वाले लोग हो या मोडर्न जीवनशैली वाले लोग, हर कोई इस समस्या का शिकार हो सकता है।

इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। पहला कारण हृदय संबंधी समस्याओं को दूर करने की नहीं होती है।

  • वयस्कता के साथ साथ हृदय के धमनियों में हमारी जोड़ें पकड़ पड़ती हैं और धमनियों कर झिल्ली स्थानों पर एहतियात्म बरतना जरूरी हो जाता है।
  • आधुनिक जीवनशैली और खानपान में बदलाव से हमारे शरीर का तापमान बढ़ता हुआ है। ये बदलाव इस समस्या को और ज्यादा बढ़ा देते हैं।
  • कुछ झुकाव भरी निश्चल जीवनशैली या अनियमित दिनचर्या और सोने की परख में न करना लोगों से इस समस्या को उत्पन्न करते हैं।

हम सभी अपनी जिम्मेदारी को सँभालते हुए इस समस्या को दूर करने के लिए दिनचर्या में थोड़ा बदलाव करके इससे बच सकते हैं।

क्या हृदय रोग सामान्य होते हैं?

हाँ, हृदय रोग सामान्य होते हैं और लाखों लोगों को इससे पीड़ित होना पड़ता है। यह मुख्य तौर पर अपच, ऊँचे रक्तचाप, अलसर आमले और मोटापा से होता है।

हालांकि, यह कहना भी गलत नहीं होगा कि कुछ हृदय रोग और गंभीर होते हैं, जिन्हें असामान्य माना जाता है। ऐसे रोगों में से कुछ हैं जैसे कि कम ओकसीजन की समस्या, बेहोशी में आने की समस्या और दिल के संबंधित संक्रमण।

  • हाई ब्लड प्रेशर भी एक ऐसा हृदय रोग है जो संक्रमण, गंभीर बीमारियों और जीवनशैली विकारों से जुड़ा होता है।
  • दिल के नियंत्रक मांसपेशियों की समस्या भी हार्ट इंफार्क्ट और अन्य गंभीर हृदय रोगों के लिए एक मुख्य कारक होती है।
  • हृदय इंजरी भी दिल से जुड़ी समस्याओं का मुख्य करण होती है।

इसलिए, यदि आपको हृदय रोगों के लिए कोई रिस्क फैक्टर होता है, तो आपको नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

कौन से लोगों को हृदय रोग होने की अधिक आशंका होती है?

हृदय रोग एक ऐसी समस्या है जो कि अधिकतर उम्र के लोगों में पायी जाती है। इससे आमतौर पर महिलाओं को कम प्रभावित होता है लेकिन उन्हें भी यह समस्या हो सकती है।

यदि आपके पास निम्नलिखित में से कोई भी फैक्टर है, तो आपको हृदय रोग होने का खतरा होता है:

  • बढ़ती उम्र : जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।
  • गलत खानपान : तली चीजें, फास्ट फूड खाना, तला मक्खन खाना, ज्यादा शक्कर का सेवन करना, सुखा मीठा, अनियमित भोजन और ज्यादा नमक का सेवन करना हृदय रोग के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली से दूर होने का कारण बनता है।
  • नशीली चीजें पीना : शराब या तंबाकू का सेवन करना हृदय रोग का खतरा बढ़ाता है।
  • वजन बढ़ना : मोटापा हृदय रोग का मुख्य कारण होता है। अधिक वजन वाले लोगों का खतरा होता है कि उनकी शरीर का आयामित नहीं होता है जिससे उन्हें हृदय रोग का सामना करना पड़ता है।
  • जैसा चलता है वैसा खाना : बैठना खाना हृदय रोग का सृजनकर्ता होता है। अनियमित व्यायाम करने और बैठे रहने की वजह से सड़ने वाली नसों में ब्लड के प्रवाह की राहत बंद हो जाती है।
  • बढ़ी हुई रक्तचाप : अधिकतम रक्तचाप भी हृदय रोग का सबसे मजबूत कारण होता है। यदि आपका रक्तचाप अधिक होता है तो आपको हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।

क्या खाने का तरीका हृदय रोगों से बचाव के लिए महत्वपूर्ण है?

हृदय रोग दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय रोगों में से एक है और इसकी वजह से, सही खाने का तरीका हृदय सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। खाने का तरीका हृदय रोगों से बचाव के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि सही आहार हमें वह पोषण देता है जिससे हमारी सेहत अच्छी तरह से बनी रहती है।

हृदय रोग से बचने के लिए आपको अपने आहार में कम मात्रा में ट्रांस फैट (trans fats), सफेद चीनी, नमक, चिकना और पका हुआ मांस शामिल करना चाहिए। अधिक नाश्ता और पैकेट-खाद्य उत्पाद खाना भी हृदय सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। जबकि, खाद्य सुधार खाने में जो विटामिन, मिनरल और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, हमें वह शरीर के लिए सही नुत्रीयता प्रदान करते हैं।

हृदय सेहत के लिए यह भी प्रभावी होता है कि आप पौष्टिक और सेहतमंद भोजन खाएँ जैसे हरी सब्जियां, फल और अनाज जो अपने आप में हमारी नाड़ियों के उचित विस्तार के साथ हमारी सेहत को सफलतापूर्वक बनाएं रखते हैं।

समाप्तिक्रम:

  • हमेशा स्वस्थ भोजन खाएं।
  • प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हरी सब्जियों, फलों और अनाज का सेवन करें।
  • अपने खाद्य में ट्रांस फैट, सफेद चीनी व नमक की कम मात्रा में होने की कोशिश करें।
  • अपने खाद्य में अधिक फाइबर सम्मिलित करें जो हमें सेहतमंद बनाएं रखते हैं।

क्या व्यायाम हृदय रोग से बचाव में मददगार होता है?

हाँ, व्यायाम हृदय रोग से बचाव में मददगार होता है। व्यायाम शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है, यह न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखता है बल्कि हमारी मानसिक स्थिति को भी ठीक रखता है।

हालांकि, हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए इस बात का ध्यान रखना ज़रूरी है कि वे सीमित व्यायाम ही करें। जब आप हार्ट अटैक या दिल का दौरा पाते हैं, तब आपका हृदय कमज़ोर हो जाता है जिससे आपका ज्यादा व्यायाम करने पर नुकसान हो सकता है।

साथ ही ध्यान रखें कि व्यायाम करने के पहले अवश्य डॉक्टर से परामर्श ले। डॉक्टर आपकी स्थिति के अनुसार कौन सा व्यायाम करना सही होगा, उसके बारे में आपको बताएंगे।

  • समय का ढंग से पालन करें – रोजाना कुछ ही समय के लिए व्यायाम करने से आपके हृदय को लाभ होता है। ध्यान रखें कि व्यायाम करते समय सही नियमों का पालन करें और अधिक मेहनत न करें।
  • धीरे-धीरे शुरू करें – अगर आप हृदय रोग से पीड़ित हैं तो धीरे से शुरू करना ज़रूरी होता है। स्थिर व्यायाम से शुरू करें जैसे कि वॉकिंग, जिम्मा या फिर योगा।
  • व्यायाम से पहले वार्मअप करें – स्थायी व्यायाम करने से पहले वार्मअप करना ज़रूरी होता है। यह आपके हृदय के लिए भी फायदेमंद होता है और आपके शरीर को अधिकतम फायदा भी पहुँचाता है।

इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए, व्यायाम आपके हृदय को स्वस्थ बनाए रखेगा, आपके शरीर को मजबूत बनाए रखेगा और आपके जीवन को तंगते तंगते स्वस्थ बनाए रखेगा।

क्या स्ट्रेस हृदय रोग के लिए खतरनाक होता है?

स्ट्रेस हृदय रोग के लिए खतरनाक हो सकता है। स्ट्रेस के कारण शरीर में रक्तचाप बढ़ सकता है, जो हृदय के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। शरीर में स्ट्रेस हॉर्मों की मात्रा बढ़ने से हृदय के पास वास्तव में नुकसान पहुंच सकता है।

यदि आपकी जीवन शैली स्ट्रेसफुल है, तो आपके हृदय के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतना ज़रूरी है। आपको ध्यान देना चाहिए कि स्ट्रेस शारीरिक समस्याओं के साथ-साथ मानसिक समस्याओं को भी बढ़ा सकता है, जो हृदय रोग के लिए अतिरिक्त खतरा पैदा करते हैं।

स्ट्रेस से बचने के लिए, आप अपनी जीवन शैली में बदलाव कर सकते हैं। आप योग और मेडिटेशन जैसी चिकित्सा की उपचार पद्धतियों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा, आप स्वस्थ खान-पान करने और अपने आप को फिट रखने के लिए व्यायाम करने का भी विकल्प रख सकते हैं।

  • धीरे-धीरे तंगी कम करने का प्रयास करें।
  • अपने स्वास्थ्य से संबंधित सभी चिकित्सा के अनुसार अपनी जीवन शैली में बदलाव करें।
  • अधिक से अधिक आराम करें और अपने दिनचर्या में समय निकालें, जिससे स्ट्रेस का स्तर कम हो सके।

विशेषज्ञों का मानना है कि एक मनोरोगी व्यक्ति का हृदय रोग के आक्रमण का खतरा दूसरों से कम नहीं होता है। इसलिए अगर आपको स्थिर नहीं लगता है या आपकी मानसिक स्थिति खराब है, तो उसे दुर करने के लिए प्रोफेशनल हेल्प लेना जरूरी होता है।

कौन से सावधानी का पालन करके हम हृदय रोगों से बच सकते हैं?

हृदय रोगों से बचने के लिए हमें कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतनी चाहिए। महत्वपूर्ण सावधानियों में से पहली बात हमारी खान-पान की है। हमेशा एक स्वस्थ व्यंजन खाना चाहिए और तला हुआ और अधिक मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। हमें सुबह नाश्ते में सब्जियों, फलों, दाल और ओटमील का सेवन करना चाहिए। इससे हमारे शरीर को सही मात्रा में फाइबर मिलता है, जो हमारे रक्तचाप को नियंत्रित करता है।

दूसरी बात हम शारीरिक गतिविधियों के बारे में है। हमेशा नियमित रूप से योग और अन्य शारीरिक गतिविधियों को करना चाहिए। योग हमारे शरीर को स्वस्थ और रेहटा बनाकर रखता है और हमारे दिमाग को शांत और स्थिर बनाता है।

तीसरी बात हमें जीवन शैली के बारे में बताती है। एक स्वस्थ जीवन शैली अधिक नींद लेने, तंबाकू और शराब के सेवन से बचना, दिन में कम सिगरेट पीना और प्रतिरक्षा बढ़ाने और मानसिक तनाव कम करने के लिए योगा करना शामिल होता है।

सांझा भोजन, खुशी, और दिनचर्या आदि भी हम अपने स्वास्थ्य के लिए जरूरी मानते हैं। एक स्वस्थ परिवार एक स्वस्थ संसार बनाता है जो अपने हृदय रोगों से सुरक्षित रहता है।

  • यहाँ संग्रहित उपयोगी जानकारी कभी भी चिकित्सक द्वारा निर्धारित उपचार से कम नहीं हो सकती है। इस लेख में दी गई जानकारी सिर्फ संदर्भ के लिए है।
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